डाटा एफिशियेन्सी (Data Efficiency)

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डाटा एफिशियेन्सी से तात्पर्य डाटा परे प्रयोग ली जाने वाली विभिन्न प्रक्रियाओं की एफिशियेन्सी से है, जिसके अन्तर्गत डाटा संग्रहण, एक्सेस, फिल्टर, शेयरिंग इत्यादि सम्मिलित हैं। साथ ही यह भी देखा जाता है कि निर्धारित प्रक्रिया इच्छित परिणाम देने में पूर्ण रूप से सक्षम है अथवा नहीं।

प्रबंधन की दृष्टि से डाटा एफिशियेन्सी को निम्न प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है

यह वह माध्यम है जिसके द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि किसी संगठन, व्यापार, प्रोजेक्ट में आने वाली लागत एवं खर्चों पर डाटा संग्रहण तथा इनके उपयोग का क्या प्रभाव होगा?

इसे निम्न सूत्र के माध्यम से समझा जा सकता है

DE = expected benefits from applying I.T. to a given task / cost of application of I.T.

इसी प्रकार तकनीकी पहलू के अन्तर्गत एक कम्प्यूटर हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर अथवा सिस्टम के विकास में डाटा एफिशियेन्सी का प्रभाव एक भौतिक माध्यम पर बिट्स को निरूपित करना, सिलिकॉन वैफर्स पर प्रयुक्त चिप एरिया अथवा प्रोग्रामिंग के अन्तर्गत प्रयुक्त डाटा आदि हैं, जो कम से कम समय में गणनाएं करने में समक्ष हों। उपरोक्त दो श्रेणियों (प्रबंधन एवं तकनीकी) हेतु डाटा एफिशियेन्सी की उपयोग औद्योगिक इकाई के प्रोसेस तथा कम्प्यूटर चिप संबंधी रिसर्च एवं विकास के अन्तर्गत समझा जा सकता है।

1. पारम्परिक जल अथवा खराब जल संशोधन प्रक्रियाओं के अन्तर्गत जल का पम्प स्टेशन तक गमन, मीटर तथा हैण्ड रिकॉर्डिंग संख्याओं की रीडिंग, लॉग शीट्स का आवागमन तथा अन्य मेनुअल प्रक्रियाएं इसें सम्मिलित हैं। यह न्यून डाटा एफिशियेन्सी का उदाहरण है। जिसमें विभिन्न प्रक्रियाओं में अत्यधिक समय लग रहा है ।

2. इसी प्रकार वर्तमान समय में Dynamic Random Access Memory (DRAM) कम्प्यूटर चिप्स का विकास किया जा रहा है। इसमें प्रयुक्त विभिन्न प्रक्रियाएं एवं तकनीकी के माध्यम से विभिन्न प्रक्रियाओं का बहुत ही कम समय में निष्पादित किया जाना संभव हो सकता है। यह उच्च डाटा एफिशियेन्सी का उदाहरण है।

सूचना तकनीकी एक बहुत ही व्यापक शब्द है। इसका क्षेत्र एवं इसके अन्तर्गत आने वाले तत्व/तकनीक बहुत अधिक विस्तृत हैं। इसके अन्तर्गत वे सभी तकनीकी माध्यम आ जाते हैं जिनका प्रयोग सूचना के आदान-प्रदान हेतु किया जाता है।

उपरोक्त दोनों उदाहरण प्रदर्शित करते हैं कि विभिन्न प्रक्रियाओं को सम्पन्न करने के लिये प्रयुक्त विधियाँ/चरण/प्रक्रियाएं कभी-कभी बहुत कम समय में कार्य का निष्पादन करती हैं तो कभी-कभी इनमें अत्यधिक समय की आवश्यकता होती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि प्रयुक्त तकनीकी एवं संसाधनों की डाटा एफिशियेन्सी कितनी है?

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